Saturday, August 27, 2011

जीवन उद्देश्य


`ओम`
 अपना जीवन उद्देश्य शीघ्र अति शीघ्र तय करें। फिर सदैव उसी का ध्यान करें।
मेरा उद्देश्य प्रभु की प्रसन्नता और उसको प्राप्त करना है।
 प्राप्त करने के रास्ते:-
1       सदैव उसी का ध्यान करें।
2       जाप, जितना अधिक से अधिक बन पड़े।
3       उसी की धारणा और ध्यान करें।
4       उसी का जिक्र करें।
5       उसी के गुणों का निरूपण करें
6       उठते-बैठते, सोते-जागते अनुभव ऐसा करें जैसे ये सभी क्रियाएँ जो मैं कर रहा हूँ, ये सब प्रभु स्वमेव कर रहे हैं।
7       भोजन करते समय भी अनुभव करें, जैसे वे ही कर रहे हैं। उन्हीं के पेट में जा रहा है।
8       सदैव मुस्कराते रहें। यह अभ्यास औरों को बिना खर्च के दान और अपने लिए आनन्द है

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