Thursday, February 10, 2011

विचार

केवल जुटावोगे तो बोझ बढ़ेगा, केवल लुटावोगे तो खोखले हो जाओगे। दोनो का सन्तुलन ही स्वस्थ जीवन है।

6 comments:

ÁLVARO BÓMEZ CASTRO said...
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राज भाटिय़ा said...

अरे इस टिपण्णी से बचना ऎसी टिपण्णियां ज्यादा तर वायरास युक्त होती हे, इसे डिलीट ही कर दे, या इस के लिंक पर मत जाये, साबाधान
बहुत सुंदर विचार, धन्यवाद

sushil gupta said...

प्रणाम राज भाटिया जी आपको और आपकी छ्त्रछाया को जो पग-पग पर गिरने से बचा रही है और गिरने से बचने के लिए सुझाव मिल रहें हैं। कोटि-कोटि धन्यवाद।
प्रणाम।
सुशील गुप्ता

sushil gupta said...

इसे डिलीट कैसे करना है

sushil gupta said...

पता चल गया है।

अन्तर सोहिल said...

यह विचार बहुत सुन्दर है।
धन्यवाद