एक बार फकीर जुन्नैद कई लोगों के साथ बैठकर बातचीत कर रहे थे। एक व्यक्ति ने उनसे पूछा, 'बाबा, क्या ईश्वर सचमुच है?' जुन्नैद बोले, 'हां भाई, ईश्वर सचमुच है और वह हर जगह मौजूद है।' इस पर वह व्यक्ति बोला, 'यदि ईश्वर हर जगह मौजूद है तो वह हमें दिखाई क्यों नहीं देता?' फकीर ने कहा, 'ईश्वर कोई वस्तु तो है नहीं, वह तो हमें मार्गदर्शन देने वाला, हमारी मदद करने वाला एक फरिश्ता है और उसे हम कई बार नेक व दयालु इंसानों के रूप में देख भी पाते हैं।'
इस पर भी वह व्यक्ति संतुष्ट नहीं हुआ और बोला, 'ये बातें तो हम सदियों से सुनते आ रहे हैं। लेकिन कभी तो ईश्वर की झलक मिलती।' यह कहकर जैसे ही वह वहां से जाने लगा वैसे ही फकीर जुन्नैद ने आवाज दी, 'जरा रुको।' उसके रुकते ही उन्होंने एक नुकीला पत्थर अपने पैर में मार लिया। पत्थर लगते ही वहां से खून की धारा बह निकली। वह व्यक्ति घबराकर बोला, 'बाबा, आपने यह क्या किया? आपको तो बहुत तकलीफ हो रही होगी।' इस पर जुन्नैद बोले, 'देखो बेटा, जैसे मेरे पैर में खून की धारा बहते देख तुमने महसूस किया कि मुझे पीड़ा हो रही होगी, वैसे ही हम ईश्वर को भी मन से महसूस करते हैं। पीड़ा भी तो महसूस ही की जाती है। क्या वास्तव में पीड़ा का कोई रूप है? नहीं न। वह तो प्रत्येक व्यक्ति के अंदर चोट लगने पर अलग-अलग तरह से उभरती है। उसी तरह ईश्वर भी लोगों के भीतर अलग-अलग रूप में महसूस किया जाता है।'
संकलन: रेनू सैनी
इस पर भी वह व्यक्ति संतुष्ट नहीं हुआ और बोला, 'ये बातें तो हम सदियों से सुनते आ रहे हैं। लेकिन कभी तो ईश्वर की झलक मिलती।' यह कहकर जैसे ही वह वहां से जाने लगा वैसे ही फकीर जुन्नैद ने आवाज दी, 'जरा रुको।' उसके रुकते ही उन्होंने एक नुकीला पत्थर अपने पैर में मार लिया। पत्थर लगते ही वहां से खून की धारा बह निकली। वह व्यक्ति घबराकर बोला, 'बाबा, आपने यह क्या किया? आपको तो बहुत तकलीफ हो रही होगी।' इस पर जुन्नैद बोले, 'देखो बेटा, जैसे मेरे पैर में खून की धारा बहते देख तुमने महसूस किया कि मुझे पीड़ा हो रही होगी, वैसे ही हम ईश्वर को भी मन से महसूस करते हैं। पीड़ा भी तो महसूस ही की जाती है। क्या वास्तव में पीड़ा का कोई रूप है? नहीं न। वह तो प्रत्येक व्यक्ति के अंदर चोट लगने पर अलग-अलग तरह से उभरती है। उसी तरह ईश्वर भी लोगों के भीतर अलग-अलग रूप में महसूस किया जाता है।'
संकलन: रेनू सैनी
3 comments:
बहुत सुंदर विचार, धन्यवाद
ईश्वर हर जगह है. हर रूप में है.बस देखने वाली नज़र चाहिए.
सुन्दर पोस्ट.
सालाम
uttam but make it more interesting
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