Saturday, March 12, 2011

बार-बार डॉक्युमेंट सेव करने से छुटकारा

माइक्रोसॉफ्ट वर्ड पर काम करने के लिए हर बार जब आप एक नई फाइल खोलते हैं, तो उसे एक नाम देकर सेव करना होता है और उसके बाद भी हर कुछ लमहों के बाद कंट्रोल एस दबा कर सेव करना होता है ताकि फाइल में की गई आपकी मेहनत सुरक्षित रहे। लेकिन अब आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं होगी। बिजली गुल होने या कंप्यूटर हैंग होने पर भी आपकी मेहनत बरबाद होने का खतरा नहीं होगा। दरअसल, गूगल ने माइक्रोसॉफ्ट ऐप्लिकेशन के लिए खास क्लाउड कनेक्ट टूलबार लॉन्च किया है। इस टूलबार को एमएस वर्ड, एक्सेल या पावरप्वाइंट ऐप्लिकेशन में इनबिल्ड किया गया है, जिसके बाद आपको बार-बार सेव करने की जरूरत नहीं होगी।

यह टूलबार फ्री डाउनलोड के लिए उपलब्ध है। इस टूलबार की मदद से यूजर दुनिया भर में कहीं भी, किसी भी मशीन से सीधे अपने एमएस ऑफिस के डाटा को गूगल के सर्वर फार्म में सेव कर सकते हैं। एमएस ऑफिस में क्लाउट कनेक्ट टूलबार स्थापित करने की यह रणनीति गूगल के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। माइक्रोसॉफ्ट की कुल 62 अरब डॉलर की बिक्री में एमएस ऑफिस की हिस्सेदारी एक तिहाई है। दुनिया भर के ज्यादातर कंप्यूटर यूजर एमएस वर्ड का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में अगर यह ऐप्लिकेशन कामयाब होता है तो गूगल को एमएस ऑफिस के बड़े नेटवर्क का फायदा होगा।

इस टूलबार के तहत एक बार गूगल के अकाउंट में लॉग इन करना पड़ता है। इसके बाद यह टूलबार अपने आप आपके डाटा को सेव करने लगता है। इसमें एक गड़बड़ी यह है कि क्लाउड कनेक्ट का फायदा उठाने के लिए आपके पीसी को एक बार इंटरनेट से कनेक्ट करना जरूरी होगा।

गूगल के मुख्यालय से गूगल एप्स के प्रॉडक्ट मैनेजर शान सिन्हा ने ईटी को बताया, 'जब तक यूजर का गूगल अकाउंट सक्रिय रहता है, तब तक हम उनके डाटा को क्लाउड में सुरक्षित रखेंगे।' उन्होंने कहा, 'सभी दस्तावेज एनक्रिप्टेड तरीके से सुरक्षित किए जा रहे हैं और इसे सिर्फ वही लोग देख और फेरबदल कर सकेंगे, जो उस डॉक्यूमेट के वेबलिंक से जुड़े रहेंगे।' क्लाउड कनेक्ट, गूगल के डॉक्स ऑफरिंग के बाद गूगल का अगला कदम है। हालांकि, डॉक्स कई बाजारों में लोगों को ध्यान खींचने में असफल रहा, क्योंकि लोग अभी भी एमएस ऑफिस ऐप्लिकेशन पर काम करना ज्यादा पसंद करते हैं।

ऑफिस ऐप्लिकेशन कारोबार में माइक्रोसॉफ्ट की बाजार हिस्सेदारी 90 फीसदी है। क्लाउड कनेक्ट टूलबार के लिए यह फायदे की बात है कि इसे एमएस वर्ड के साथ इनबिल्ड करके बेचा जा रहा है, जो पहले ही लोगों की पहली पसंद बन चुका है। आप अपने आईपॉड, स्मार्टफोन या पीसी से भी इस टूलबार का इस्तेमाल कर सकते हैं। फॉरेस्टर ऐनालिस्ट टी जे कीट ने कहा, 'यह बदलाव की रणनीति है। इसके साथ यूजर पूरी तरह गूगल के ऐप्लिकेशन अपना सकते हैं और उन्हें माइक्रोसॉफ्ट और गूगल यानी दो लाइसेंस के लिए भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी।'

1 comment:

अन्तर सोहिल said...

हिन्दी बढिया लिखी जा रही है जी, आपके द्वारा

मैटर कहां से लिया या कॉपी किया है, यह बता देना या लिंक देना अच्छा रहता है।
ताकि कानूनी पचडे ना आ पडें।

प्रणाम